मुझसे मिलने की आरज़ू तूने की होगी!!
माथे पे तेरे ‘एक‘ शिकन तो रही होगी मुझसे मिलने की आरज़ू तूने की होगी!! ज़हन मैं जो भी शिकवे थे तेरे मेरे मातम से उसमे कमी तो हुई होगी मुझसे मिलने की...
माथे पे तेरे ‘एक‘ शिकन तो रही होगी मुझसे मिलने की आरज़ू तूने की होगी!! ज़हन मैं जो भी शिकवे थे तेरे मेरे मातम से उसमे कमी तो हुई होगी मुझसे मिलने की...
ज़िन्दगी–ऐ–हसीं को तू आ शौक़ फ़रमा आख़िर तेरी ग़ुमनामी में क्या रखा है, ख़ाबे–ऐ–दिल को तू कर दे बयान बेफ़िजूल इस मनमानी में क्या रखा है!...
है सोच का सागर भी असमंजस में पड़ा क्या कभी हो पायेगा इस शोषक समाज का भला? स्वार्थ की धुंद में सुलझन का एक तट दिखाई तो दिया है परन्तु इतिहास गवाह है की परोपकार ...
छेह का पहर खड़का, मेरा दिल धड़का हो ना हो आवाज़ है ये किसीकी, कोई मुसीबत के मारे की मुझे बुलाता है मदद के लिए, पर कहाँ, कोई अंदाजा नहीं आवाज़ चीख में बदली, चीख ...
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